व्याकुल पथिक
29/3/ 18
सफर की बात जब कर ही रहा हूं, तो पत्रकारिता के क्षेत्र में मेरी यात्रा की पहली परीक्षा वर्ष 1995 का नगरपालिका परिषद मीरजापुर चुनाव रहा। जैसा कि मैंने पहले भी कहा था कि अपने कार्य के प्रति निष्ठा मेरी सबसे बड़ी पूंजी है। मैं जो ठान लेता हूं , वह कर भी लेता हूं। जैसे ब्लॉग पर प्रतिदिन मुझे कुछ लिखना है, तो फिर आंखें नींद से कितनी भी भरी क्यों न हो , चंद शब्द लिखूंगा जरूर। पर आज बिल्कुल थका हुआ हूं। अभी थोड़ी देर पहले ही अखबार बांट कर आया हूं। सुबह साढ़े पांच बजे से पहले उठ जाता हूं। कल मुकदमे की तारीख भी तो हैं। तो जेब भी टटोलना पड़ता है। खैर , मैं बात नगरपालिका परिषद अध्यक्ष पद के चुनाव से जुड़े पत्रकारिता की कर रहा हूं। जिसमें मैं सौ फीसदी अंक प्रयास करने में सफल रहा। यही से मेरे अखबार के दफ्तर में बतौर पत्रकार मेरा कद ऊंचा हुआ था।....
क्रमशः
29/3/ 18
सफर की बात जब कर ही रहा हूं, तो पत्रकारिता के क्षेत्र में मेरी यात्रा की पहली परीक्षा वर्ष 1995 का नगरपालिका परिषद मीरजापुर चुनाव रहा। जैसा कि मैंने पहले भी कहा था कि अपने कार्य के प्रति निष्ठा मेरी सबसे बड़ी पूंजी है। मैं जो ठान लेता हूं , वह कर भी लेता हूं। जैसे ब्लॉग पर प्रतिदिन मुझे कुछ लिखना है, तो फिर आंखें नींद से कितनी भी भरी क्यों न हो , चंद शब्द लिखूंगा जरूर। पर आज बिल्कुल थका हुआ हूं। अभी थोड़ी देर पहले ही अखबार बांट कर आया हूं। सुबह साढ़े पांच बजे से पहले उठ जाता हूं। कल मुकदमे की तारीख भी तो हैं। तो जेब भी टटोलना पड़ता है। खैर , मैं बात नगरपालिका परिषद अध्यक्ष पद के चुनाव से जुड़े पत्रकारिता की कर रहा हूं। जिसमें मैं सौ फीसदी अंक प्रयास करने में सफल रहा। यही से मेरे अखबार के दफ्तर में बतौर पत्रकार मेरा कद ऊंचा हुआ था।....
क्रमशः