स्वास्थ्य संबंधित परेशानी से कुछ दिनों के लिये मैं ब्लॉग जगत से दूर जा रहा हूँ। रेणु दी के स्नेह के कारण मैं इस योग्य बन सका कि अपनी भावनाओं को शब्द दे सकूँ। उन्होंने मेरी नकरात्मक लेखनी की भी सराहना की। वैसे अन्य वरिष्ठजनों का आशीर्वाद भी मिलता रहा। परंतु तबीयत अचानक अधिक बिगड़ गयी है। अतः कुछ लिखने और पढ़ने में असमर्थ हूँ।
सभी स्नेहीजनों को पुनः प्रणाम कर रहा हूँ। ब्लॉग पर आना मेरे लिये एक अलग तरह की अनुभूति रही। इतना स्नेह और सम्मान मिलेगा ,इसकी कल्पना नहीं की थी।
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल मंगलवार (05-03-2019) को "पथरीला पथ अपनाया है" (चर्चा अंक-3265) पर भी होगी।
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चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
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महाशिवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
प्रिय शशिभाई ये ब्लॉग आपके मन की पीड़ा हो कम ही करता है बढाता नहीं | ज्यादा बोझ से बचिए तो ये दवा के साथ एक अच्छा स्वास्थ्य टोनिक है आपके लिए | सस्नेह --
ReplyDeleteजी दी,सही कहा आपने।
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