दर्द नया दे चल दिये !
****************
जिन्हें मीत समझा
अजनबी बनाके चल दिये
दिल के फिर टुकड़े हुये
दर्द नया दे चल दिये !
रंग भरने की न सोच
जल जाएगी ज़िंदगी
ताउम्र किसीकी याद में
कटती कहाँ ये ज़िंदगी ?
मयख़ाने तो हैं अनेक
साक़ी मिला ना कोई
जाम जो ऐसा दे पिला
नशा हो न फिर कोई !
ज़ख्मी दिल से ना पूछ
नादानी तेरी किसने सही
ज़ुबां पे न उफ़ किसीकी
बेगाना बना के चल दिये
यतीमों को ठिकाना कहाँ
क़ब्र तक पनाह देती नहीं
आशियाना एक दिल में था
नापाक़ बता के चल दिए !!!!!
-व्याकुल पथिक
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जिन्हें मीत समझा
अजनबी बनाके चल दिये
दिल के फिर टुकड़े हुये
दर्द नया दे चल दिये !
रंग भरने की न सोच
जल जाएगी ज़िंदगी
ताउम्र किसीकी याद में
कटती कहाँ ये ज़िंदगी ?
मयख़ाने तो हैं अनेक
साक़ी मिला ना कोई
जाम जो ऐसा दे पिला
नशा हो न फिर कोई !
ज़ख्मी दिल से ना पूछ
नादानी तेरी किसने सही
ज़ुबां पे न उफ़ किसीकी
बेगाना बना के चल दिये
यतीमों को ठिकाना कहाँ
क़ब्र तक पनाह देती नहीं
आशियाना एक दिल में था
नापाक़ बता के चल दिए !!!!!
-व्याकुल पथिक