ये आँसू तुझको बुला रहे हैं
********************
ये रातें ज़ुल्मी सता रही हैं
ये यादें तेरी रुला रही हैं
तुम नहीं तो है कौन मेरा
रुदन नहीं ये बुला रही हैं
हैं सूनी राहें और ये निग़ाहें
तुम्हें न पा के तड़पा रही हैं
जो आग तुमने लगा है रखी
आँसू उसे अब ये बुझा रहे हैं
इन आँसुओं में प्रीति है देखो
तुम्हें खुशी दे खुद रो रहे हैं
खुद रो रहे हैं बुला रहे हैं
हाल-ए- दिल ये बता रहे हैं
है उम्मीद मेरी ये आरजू मेरी
ये हसरतें मेरी शिकायतें मेरी
ठहर जा पल भर वो जाने वाले
ये प्यास है मेरी बुला रही है
तुम्ही से तो थीं खुशियाँ हैं मेरी
अर्ज ये सुन लो थमे जो आँसू
न कोई मंज़िल न है ठिकाना
इन अश्कों को यूँ बहते है जाना
है तोहफ़ा तेरा मेरे दो आँसू
मन के मोती ये श्रृंगार मेरे
शोलोंं पे मचलती बन के शबनम
ये आग दिल की बुझा रही है
ठहर जा पल भर,वो जाने वाले
ये आँसू तुझको बुला रहे हैं
ये अश्रु मेरे ये नीर मेरे
नयनों का जल है ये पीर मेरे
गुजर गये जो थे वक्त मेरे
वे आँसू बन क्यों बिखर रहे हैं
-व्याकुल पथिक
********************
ये रातें ज़ुल्मी सता रही हैं
ये यादें तेरी रुला रही हैं
तुम नहीं तो है कौन मेरा
रुदन नहीं ये बुला रही हैं
हैं सूनी राहें और ये निग़ाहें
तुम्हें न पा के तड़पा रही हैं
जो आग तुमने लगा है रखी
आँसू उसे अब ये बुझा रहे हैं
इन आँसुओं में प्रीति है देखो
तुम्हें खुशी दे खुद रो रहे हैं
खुद रो रहे हैं बुला रहे हैं
हाल-ए- दिल ये बता रहे हैं
है उम्मीद मेरी ये आरजू मेरी
ये हसरतें मेरी शिकायतें मेरी
ठहर जा पल भर वो जाने वाले
ये प्यास है मेरी बुला रही है
तुम्ही से तो थीं खुशियाँ हैं मेरी
अर्ज ये सुन लो थमे जो आँसू
न कोई मंज़िल न है ठिकाना
इन अश्कों को यूँ बहते है जाना
है तोहफ़ा तेरा मेरे दो आँसू
मन के मोती ये श्रृंगार मेरे
शोलोंं पे मचलती बन के शबनम
ये आग दिल की बुझा रही है
ठहर जा पल भर,वो जाने वाले
ये आँसू तुझको बुला रहे हैं
ये अश्रु मेरे ये नीर मेरे
नयनों का जल है ये पीर मेरे
गुजर गये जो थे वक्त मेरे
वे आँसू बन क्यों बिखर रहे हैं
-व्याकुल पथिक